Nachiketa Gastro and Liver Clinic

हेपेटाइटिस बी संबंधित जानकारियां

हेपेटाइटिस बी के फैलने के मुख्य कारण है (Hepatitis B)

बल्ड एवं ब्लड प्रोडक्ट के ट्रांसफ्यूजन से: (By transfusion of blood and blood products:)

1970 से पहले हेपेटाइटिस बी का स्क्रीनिंग नहीं किया जाता था अतः हेपेटाइटिस बी के फैलने का खतरा 50% से भी अधिक रहता था।

अब हर ब्लड को हेपेटाइटिस बी, सी और एचआईवी के लिए स्क्रीन किया जाता है जिससे इसके खतरे को काफी कम अथवा ना के बराबर प्राप्त कर लिया गया है|

2) हेपेटाइटिस बी का पेरिनेटल ट्रांसमिशन (Perinatal transmission of hepatitis B)

मां से बच्चे को जन्म के समय होने का खतरा:

यह इन्फेक्शन जन्म के समय होता है जब मां और बच्चे का ब्लड कांटेक्ट में आता है, यह प्रेगनेंसी के बाकी समय अनकॉमन है।

इससे बचाव के लिए क्या करें: (What to do to prevent this)

 हर गर्भवती महिला को अपने गाइनेकोलॉजिस्ट से दिखाकर हेपेटाइटिस बी का स्क्रीनिंग करना चाहिए और अगर किसी का हेपेटाइटिस बी पाया जाता है तो गाइनेकोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोक (Best Hepatitis Doctors In Patna) डॉक्टर की निरंतर संपर्क में रहे।

 जरूरत पड़ने पर प्रेगनेंसी के दौरान हेपेटाइटिस बी की दवाई शुरू की जाती है और जन्म के समय बच्चे का टीकाकरण किया जाता है।

 यहां शिशु रोग विशेषज्ञ की सलाह भी ली जानी चाहिए।

3) परक्यूटेनियस ट्रांसमिशन (percutaneous transmission)

यह कारण ऐसे लोगों में होता है जो इनफेक्टेड नीडल का इस्तेमाल करते हैं।

 बचाव के लिए क्या करें:

हाई रिस्क ग्रुप को टीकाकरण की सलाह दी जाती है|

4) यौन ट्रांसमिशन (sexual transmission)

बचाव के लिए क्या करें

बैरियर प्रोटेक्शन से रोकथाम किया जा सकता है|

हेपेटाइटिस बीके इंफेक्शन हो जाने के बाद किस किस तरह की परिस्थितियों हो सकती हैं?

एक बार हेपेटाइटिस बी का अगर इंफेक्शन हो जाए तो 65% पेशेंट जो है वह asymptomatic रहता है यानी कि उनके अंदर या तो कोई लक्षण नहीं होगा या मामूली  लक्षण होगा।

35% पापुलेशन में एक्यूट हेपिटाइटिस बी हो सकता है।

और एक परसेंट से भी कम पॉपुलेशन के अंदर यह fulminant हेपेटाइटिस यानी कि एक्यूट लिवर फैलियर की दिशा में जा सकता है

 

एक्यूट हेपिटाइटिस बी की अवस्था में

यह निर्भर करता है कि हेपेटाइटिस बी का इन्फेक्शन कौन से एज ग्रुप में हुआ है

अगर हेपेटाइटिस बी एडल्ट एज ग्रुप में हुआ है तो 5% पेशेंट जो है यह क्रॉनिक हेपिटाइटिस बी की तरफ जाते हैं, लेकिन अगर हेपेटाइटिस बी का इन्फेक्शन इन्फेंट एज ग्रुप यानी की 1 साल से कम के ग्रुप में इंफेक्शन हुआ है तो क्रॉनिक हेपिटाइटिस बी होने का खतरा 90 तो 95% हो जाता है।

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Dr. Rakesh Jha – Gastroenterologist in Patna

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